लोकेशन रायबरेली
संवाददाता श्रवण कुमार।
रायबरेली की क्राइम ब्रांच ने नगर पालिका में हुई साढ़े तीन करोड़ की ठगी को वर्क आउट करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किये गये दोनों आरोपी सगे भाई हैं जिसमें से एक नगर पालिका परिषद में एडहॉक पर कंप्यूटर ऑपेरटर था। कंप्यूटर ऑपेरटर विक्रम शर्मा ने सबसे पहले 2022 में कर्मचारियों के एनपीएस अकॉउंट में गबन किया था। मामला खुला तो एफआईआर हुई और विक्रम को जेल भेज दिया गया था। जेल से ज़मानत के बाद इसने 2023 में और बड़ा कारनामा करते हुए अपने घर से ही प्रधानमंत्री स्वक्षता अभियान का साढ़े तीन करोड़ रुपया सीतापुर और मेरठ के खातों में ट्रांसफर कर दिया। दरअसल इसके पास नगर पालिका परिषद के इओ की डिजिटल सिग्नेचर और आधार कार्ड की कॉपी पहले से ही मौजूद थी। इसने इओ की डिजिटल सिग्नेचर और आधार कार्ड कॉपी को अपडेट कर विभागीय तकनीकि जानकारी का उपयोग करते हुए प्रधानमंत्री स्वक्षता अभियान का साढ़े तीन करोड़ रुपये ट्रांसफर कर लिया। इस पूरे कारनामे में जसवंत शर्मा नाम का व्यक्ति भी इसका सहयोगी था। इस मामले की जानकारी तब हुई जब इस मद का पैसा देखने वाले नगर पालिका के बाबू को अकाउंट से पैसा निकलने का एलर्ट आया। इस जानकारी से पूरे महकमे में हड़कंप मच गया। इओ स्वर्ण सिंह ने इस मामले की एफआईआर की। पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और मामला क्राइम ब्रांच के सुपुर्द हो गया। क्राइम ब्रांच ने सबसे पहले विवेचना के दौरान ही नगर पालिका का साढ़े तीन करोड़ रुपया वापस खाते में मांगवाया और इस बीच में ज़मानत पर जेल से छूटे दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बाइट.. संजीव कुमार सिन्हा.. एडिशनल एसपी